Hindi

Change

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए सरकारी योजनाएँ

favebook twitter whatsapp linkedin telegram

graph 606 Views

Updated On: 05 Jan 2024

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए सरकारी योजनाएँ

हालांकि भारत प्रगति और विकास की राह पर है, फिर भी यहाँ ऐसे कई इलाकें हैं जहाँ अभी भी पुरुष वर्चस्व और पितृसत्तात्मक समाज के कारण लड़कियों के प्रति भेदभाव जारी है। 1000 पुरुषों पर 896 महिलाओं का यह लिंगानुपात, साफ-साफ दर्शाता है कि कैसे लोग लिंग के आधार पर जीवन के मूल्यों को तय करते हैं।

यहाँ तक कि गर्भ धारण होने से पहले से ही बच्ची लड़कियों को भेदभाव से गुजरना पड़ता है। जन्म लेते ही बच्ची लड़कियों की हत्या कर देना और कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाएँ परेशान करने वाली बातें हैं, फिर भी भारत के अधिकांश क्षेत्रों में अभी भी यह सब घटनाएँ लगातार हो रही हैं। यदि परिवार बच्ची होते हुए भी उसे पैदा करने का फैसला करता है, तब तो उस बच्ची को खुद को भाग्यशाली समझना होगा। भारतीय समाज में गहराई तक फैली इस रूढ़िवादिता और लैंगिक धारणाओं ने विभिन्न युवा महिलाओं की प्रतिभाओं को कूचल कर, उन्हें पीढ़ियों से चली आ रही पारंपरिक लिंग भूमिका की ओर धकेला है।

उन्हें जन्म के साथ ही अन्याय और पक्षपात से गुजरना पड़ता है। अपने जीवन के हर कदम पर अन्याय का सामना करते हुए वह बड़ी होती हैं जिसकी वजह से वह अपने जीवन को हीन दृष्टि से देखने को विवश हो जाती है। उनकी जरूरतों की उपेक्षा करना, भाईयों की तुलना में उन्हें कम भोजन देना और उन्हें स्कूल जाने की अनुमति नहीं देना आदि कुछ ऐसी समस्याएँ हैं जिनका सामना एक बच्ची लड़की को करना पड़ता है।

आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में, लड़कियाँ केवल घर के कामों और दूसरों की देखभाल करने जैसे कामों तक ही सीमित हैं। परिणामस्वरूप, कई प्रतिभाशाली युवा महिलाएँ अपनी योग्यताओं और क्षमताओं को पूरी तरह से बाहर लाने और राष्ट्र के हित में अपना योगदान देने में सक्षम नहीं हो पाती हैं। इतनी सारी समस्याओं और बाधाओं को ध्यान में रखते हुए और लड़कियों के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने और समाज में उनकी स्थिति को ऊपर लाने के उद्देश्य से, भारतीय शिक्षा प्रणाली ने भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

लगभग एक दशक से पहले से, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने ग्रामीण क्षेत्रों और पिछड़ी जाति की, लड़कियों के कल्याण और उनके हितों को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं और लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं, ताकि भारत में महिलाओं की शिक्षा की वर्तमान स्थिति में और भी सुधार लाया जा सकें। आइए हम इस आर्टिकल की मदद से, उनमें से कुछ योजनाओं को उनके उद्देश्यों के साथ और अन्य मापदंडों को विस्तार से देखते और समझते हैं।

भारत में लड़कियों की शिक्षा में उन्नति लाने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की सूची

भारत सरकार द्वारा लागू और चलाए जाने वाले महिला शिक्षा योजनाओं का फायदा न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बल्कि उनके विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। भारतीय समाज में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उनका शिक्षित होना अनिवार्य है। इसलिए भारत सरकार ने लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाएँ बनाई हैं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं एवं लड़कियों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकें। देश की तरक्की और विकास में यदि उनका योगदान बनाना है, तब सरकार के द्वारा चलाए जाने वाली लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाओं की जानकारी सभी को होनी चाहिए ताकि इनका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। आइए आगे बढ़ते हैं और उन योजनाओं के बारे में एक-एक कर जानते हैं।

  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
  • सीबीएसई उड़ान योजना
  • माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए इंसेंटिव की राष्ट्रीय योजना
  • धनलक्ष्मी योजना
  • मुख्यमंत्री राजश्री योजना
  • मुख्यमंत्री लाडली योजना
  • माझी कन्या भाग्यश्री योजना
  • नंदा देवी कन्या योजना
  • सुकन्या समृद्धि योजना
  •  बालिका समृद्धि योजना
  •  मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
  • कस्तूरबा गाणधी बालिका विद्यालय
  •  भाग्यलक्ष्मी योजना

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना

Beti Bachao Beti Padhao Scheme

पिछले कुछ वर्षों में लिंग आधारित गर्भपात के कारण लिंगानुपात में जो गिरावट आई, उसी के मद्देनजर यह योजना भारत के प्रधान मंत्री द्वारा 22 जनवरी 2015 को पेश और लॉन्च किया गया। इस योजना का मुख्य लक्ष्य लिंग आधारित भेदभाव के बारे में सामाजिक जागरूकता फैलाना, बेटियों को बचाना और भारत में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना है।

इस योजना के तहत एक बच्ची लड़की को स्वास्थ्य देखभाल और उसकी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों और उपयुक्त केंद्रीय विभागों के आपसी सहयोग के परिणामस्वरूप लागू की गई है।

इस योजना का उद्देश्य 

लिंग के आधार पर बच्चे के उन्मूलन की रोकथाम।

बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

 बेटियों की भागीदारी और शिक्षा को बढ़ावा देना।

इस योजना में शामिल लाभार्थी (बेनेफिशरी)

विवाहित जोड़े, गर्भवती महिलाएँ और माता-पिता, लाभ पाने के पहले ग्रुप में आते हैं।

किशोरावस्था वाले बच्चे, भारत के युवा, डॉक्टर, निजी अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर दूसरे ग्रुप का गठन करते हैं।

देश की आम जनता, धार्मिक नेता, फ्रंटलाइन के कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया और महिला एसएचजी सेक्टर, तीसरे ग्रुप में आते हैं।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया)

एक परिवार जहाँ 10 साल से कम उम्र की लड़की है।

 एक परिवार जहाँ बच्ची के नाम से सुकन्या समृद्धि खाता एक राष्ट्रीयकृत बैंक में पंजीकृत हो।

आवश्यक दस्तावेज़

 बेटी का जन्म प्रमाण पत्र।

पासपोर्ट साइज की तस्वीर।

 माता-पिता का पहचान प्रमाण पत्र। (आधार या राशन कार्ड)

एड्रेस प्रूफ। (पासपोर्ट, बिजली बिल, पानी बिल)

आवेदन प्रक्रिया

नजदीकी डाकघर या बैंक में जाएं और आवेदन पत्र प्राप्त करें।

सभी विवरण को अच्छी तरह भरें और उनके साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

लाभार्थी के नाम से खाता खुलवाने के लिए संबंधित अधिकारी को आवेदन पत्र के साथ दस्तावेज जमा करें।

सीबीएसई उड़ान योजना

Cbse Udaan Scheme 1

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाओं में से एक सीबीएसई उड़ान एक राष्ट्रीय स्तर की योजना है, जिसे 2014 में एमएचआरडी (संसाधन और विकास मंत्रालय) के तत्वावधान में सीबीएसई बोर्ड द्वारा शुरू की गई है। इसका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा संस्थानों में छात्राओं के नामांकन को बढ़ाना है और इंजीनियरिंग स्ट्रीम में अपना करियर बनाने को इच्छुक छात्राओं को प्रोत्साहित करना है। 

सीबीएसई उड़ान योजना के तहत इस योजना में नामांकित छात्राओं के लिए साप्ताहिक आभासी (वर्चुअल) कक्षाएँ प्रदान करती है और उन्हें जेईई और अन्य दूसरे इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए प्रशिक्षित करती है।

इस योजना के उद्देश्य

तकनीकी शिक्षा संस्थानों में छात्राओं के हो रहे कम नामांकन की तरफ ध्यान देने और इंजीनियरिंग में करियर बनाने का अवसर प्रदान करने के लिए।

वित्तीय सहायता के माध्यम से छात्राओं की आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करके उन्हें सशक्त बनाना।

परीक्षा की तैयारी के लिए प्री-लोडेड सामग्री और अध्ययन सामग्री के साथ मुफ्त टैबलेट प्रदान करता है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

दसवीं कक्षा या बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियाँ इस योजना के लिए योग्य हैं।

वार्षिक पारिवारिक आय 6 लाख प्रतिवर्ष से कम होनी चाहिए।

ग्यारहवीं कक्षा में उनके विषयों के रूप में PCM (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) होना चाहिए

लड़की केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई से एफिलिएटेड प्राइवेट स्कूल, या किसी भी बोर्ड के सरकारी स्कूल की छात्रा होनी चाहिए।

दसवीं कक्षा में ओवरऑल 70% अंक और 8 सीजीपीए और विज्ञान और गणित में 80% अंक और 9 सीजीपीए होने चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़

पासपोर्ट साइज की फोटो।

आधार कार्ड।

आवासीय प्रमाण पत्र।

 जन्म प्रमाण पत्र।

 जाति प्रमाण पत्र।

 10वीं की मार्कशीट।

 10वीं का सर्टिफिकेट।

आवेदन प्रक्रिया

योग्य छात्रों को सीबीएसई की मुख्य वेबसाइट के माध्यम से इस योजना में आवेदन या नामांकन करना आवश्यक है।

आवेदन पत्र भरें और उसका एक प्रिंट ले लें।

अपने चुने हुए शहर के सिटी कोऑर्डिनेटर को आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र जमा करें।

कोऑर्डिनेटर द्वारा स्वीकृत किए जाने के बाद, आवेदन पर हस्ताक्षर किए जाते हैं।

यदि आपका चयन हो जाता है, तब आपको सभी जानकारी के साथ एक ईमेल या एसएमएस भेजा जाएगा।

माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए इंसेंटिव की राष्ट्रीय योजना

National Scheme of Incentives for Girls for Secondary Education

मई 2008 में लॉन्च किया गया, NSIGSE एनएसआईजीएसइ का उद्देश्य छात्राओं की माध्यमिक स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना उन छात्राओं की मदद करती है जो आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अपनी शिक्षा को जारी रखने की इच्छा रखती हैं। यह स्कूलों से छात्राओं की ड्रॉप रेट में कमी को भी सुनिश्चित करता है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों की लड़कियों को 18 वर्ष की आयु तक रोके रखना है। नौवीं कक्षा के नामांकन पर योग्य अविवाहित लड़कियों के नाम पर 3 हजार रुपये की राशि फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा की जाती है और दसवीं कक्षा की परीक्षा पूरी करने के बाद 18 वर्ष की उम्र में वो इस राशि को ब्याज सहित निकाल सकती हैं। 

इस योजना के उद्देश्य 

छात्राओं की ड्रॉप रेट को कम करना और छात्राओं की शिक्षा में उन्नति को बढ़ावा देना।

 18 वर्ष की आयु तक लड़कियों को रोके रखना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

लड़कियाँ जिन्होंने आठवीं कक्षा पूरी कर ली है और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति समुदाय से संबंधित हों।

कस्तूरबा विद्यालय से आठवीं कक्षा पास करने वाली सभी लड़कियां चाहे वे किसी भी समुदाय की हों।

आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन करते समय दस्तावेजों की सभी सॉफ्ट कॉपी अपलोड करनी होगी।

पासपोर्ट साइज की फोटो।

आधार कार्ड।

एड्रेस का प्रमाण।

पिछली परीक्षा की मार्कशीट।

आवेदन प्रक्रिया

एनएसपी का पोर्टल खोलें और खुद को रजिस्टर करें।

यदि आपने पहले से पंजीकरण नहीं कराया है, तब पोर्टल पर पंजीकरण जारी रखने के लिए ‘नया पंजीकरण’ पर क्लिक करें।

यदि आप पहले से ही पंजीकृत हैं, तब आगे बढ़ने के लिए लॉगिन विकल्प पर क्लिक करें।

एनएसआईजीएसई योजना का चयन करें।

आवेदन पत्र में सभी आवश्यक विवरण दर्ज करें।

सबमिट पर क्लिक करें और पुष्टि के लिए प्रतीक्षा करें।

धनलक्ष्मी योजना

Dhanalakshmi Scheme

महिला एवं बाल विभाग मंत्रालय ने एलआईसी के सहयोग से बाल विवाह को रोकने और एक बच्ची के जीवन को महत्व देने, उन्हें कभी भी बोझ ना समझें, इस उद्देश्य की पूर्ति हेतू 3 मार्च 2008 को धनलक्ष्मी योजना नामक एक योजना की शुरूआत की।

इस योजना के तहत यदि लड़की की शादी 18 वर्ष की आयु तक नहीं हुई है, तब 1 लाख रुपये का आकर्षक बीमा कवर प्रदान करती है, और शुरुआत में 5 हजार नकद प्रोत्साहन के रूप में भी दिया जाता है।

इस योजना के उद्देश्य 

बाल विवाह को रोकने और माता-पिता को अपनी बच्चियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजने के लिए प्रोत्साहित करना।

लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

8 नवंबर, 2008 के बाद पैदा हुई लड़कियाँ, भले ही उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।

एक परिवार में जितनी भी लड़कियाँ हो, सभी को इस योजना का लाभ मिलता है।

लड़की भारत की निवासी होनी चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़

बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र।

माता-पिता के पहचान का प्रमाण।

पासपोर्ट साइज की तस्वीर।

एड्रेस प्रूफ।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना के लिए पंजीकरण करने के लिए, योजना के ऑफिशियल पेज पर जाएँ।

पोर्टल पर जाने के बाद, होमपेज आपके सामने आ जाता है।

पंजीकरण टैब पर क्लिक करें और फिर सबमिट पर क्लिक करें।

 या फिर धनलक्ष्मी योजना फॉर्म डाउनलोड करें और उसे मैन्युअल रूप से भरें।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना

Mukhyamantri Rajshri Yojana

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री राजश्री योजना को राजस्थान सरकार द्वारा एक लड़की वाले परिवारों को 50,000 रुपये की सब्सिडी देने के लिए लागू और शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के भविष्य को सुरक्षित करना और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल करना है। 

इस योजना के उद्देश्य 

इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित भेदभाव, बाल मृत्यु दर और बाल विवाह को रोकना और मिटाना है।

बालिका शिक्षा को और बालिकाओं की इच्छा तक उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते रहने देने, को बढ़ावा देना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।

केवल उन लड़कियों के लिए योग्य हैं जिनका जन्म सरकारी अस्पतालों और जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के साथ पंजीकृत निजी संस्थानों में हुआ हो।

माता-पिता को किस्तें तभी प्राप्त होंगी जब उनकी पहली और यहाँ तक की दूसरी संतान भी लड़की हो। लेकिन अगर तीसरी संतान लड़की होती है तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।

आवश्यक दस्तावेज़

 बालिका/बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र

 भामाशाह कार्ड

 आवेदन पत्र (विधिवत भरा हुआ)

 पहचान का प्रमाण। (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड)

 एड्रेस प्रूफ। (आधार कार्ड, उपयोगिता बिल, टेलीफोन बिल, आदि)

पासपोर्ट साइज की तस्वीरें

बैंक खाता विवरण

योजना का आवेदन।

आवेदन प्रक्रिया

ऑफलाइन फॉर्म के लिए आवेदन करने के लिए,

आवेदकों से सरकारी अस्पताल में जाने का अनुरोध किया जाता है जहाँ उन्हें योजना के लिए आवेदन करने के लिए राजस्थान के जिला तालुका के संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करना होगा।

इस योजना का लाभ कलेक्टर ऑफिस, जिला पंचायत ऑफिस, या एजूकेशन ऑफिस में संपर्क कर प्राप्त किया जा सकता है।

आवेदन पत्र के साथ दस्तावेज संलग्न करें और संबंधित अधिकारियों को जमा करें।

जब तक यह संबंधित अधिकारियों द्वारा वेरिफाई नहीं हो जाता तब तक प्रतीक्षा करें।

 वेरिफिकेशन के बाद, आवेदक को आगे क्या करना है उसके संबंध में नोटिस प्राप्त होता है।

मुख्यमंत्री लाड़ली योजना

Mukhyamantri Laadli Yojana

मुख्यमंत्री लाड़ली योजना या लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2007 में स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और एक लड़की के जन्म के प्रति नकारात्मकता को कम करने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का लाभ 1 जनवरी 2006 के बाद टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले परिवारों में पैदा हुई लड़कियों को और अनाथ लड़कियों को मिलता है।

इस योजना के उद्देश्य 

कन्या भ्रूण हत्या और जन्म लेते ही कन्या हत्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन।

बालिका अनुपात में सुधार और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।

 बाल विवाह का उन्मूलन।

समाज में लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति में सुधार लाना।

आम जनता में कन्या जन्म के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण करना।

लड़कियों के बेहतर भविष्य के लिए एक अच्छी नींव प्रदान करना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए।

उन लोगों के लिए लागू जिनकी शादी 18 साल से कम उम्र में नहीं हुई है।

 1 जनवरी 2006 को या उसके बाद पैदा होना चाहिए।

 बालिका का स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकरण कराना आवश्यक है।

 इसका लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन को, बच्चे के जन्म के एक वर्ष के भीतर प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

 योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए मान्य है।

आवश्यक दस्तावेज़

आवेदन पत्र लाड़ली लक्ष्मी योजना की मुख्य वेबसाइट पर उपलब्ध है।

 बालिका का पहचान प्रमाण और पारिवारिक पहचान पत्र।

 बच्ची की उसके माता-पिता के साथ तस्वीर।

 दूसरी संतान यदि लड़की है तब, परिवार के पास परिवार नियोजन प्रमाणपत्र होना चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया

वेबसाइट mp.gov.in खोलें और आगे बढ़ने के लिए अप्लाई टैब पर क्लिक करें।

चेकबॉक्स में चेक करें और अगले चरण पर आगे बढ़ने के लिए ‘आगे बढ़ें’ पर क्लिक करें।

निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और निर्देशानुसार फॉर्म भरें।

 फॉर्म अप्लाई करने के लिए सेव पर क्लिक करें।

आवश्यक दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी आवेदन पत्र के साथ वेबसाइट पर अपलोड करें।

आवेदन के साथ आगे बढ़ने के लिए सबमिट टैब पर क्लिक करें।

माझी कन्या भाग्यश्री योजना

Mazi Kanya Bhagyashree Scheme

लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए जिस योजना को महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर की सभी बालिकाओं के लिए अप्रैल 2016 में देवेंद्र फडणवीस द्वारा शुरुआत की, वह माझी कन्या भाग्यश्री योजना के नाम से जाना जाता है। इस योजना का उद्देश्य समाज में बालिकाओं का समग्र विकास करना है और व्यापक स्तर पर बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत यदि परिवार में एक बच्ची लड़की है तब उसे 50 हजार का नकद इंसेंटिव मिलता है और यदि मान लीजिए कि दो बालिकाएँ हैं, तब सरकार प्रत्येक बच्ची लड़की के लिए राशि को 25-25 हजार में विभाजित करती है।

इस योजना के उद्देश्य 

 कन्या भ्रूण हत्या और जन्म लेते ही कन्या हत्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन।

 महिला शिक्षा प्रतिशत में वृद्धि।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए वित्तीय सहायता।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

आवेदकों को महाराष्ट्र का निवासी होना चाहिए।

 वार्षिक पारिवारिक आय 7.5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 अनाथ बालिकाएँ भी अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगी।

आवश्यक दस्तावेज़

एड्रेस प्रूफ। (आधार कार्ड, राशन कार्ड)

आय प्रमाण पत्र।

 बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

माता-पिता का मेडिकल दस्तावेज़।

बोनाफाइड प्रमाण पत्र।

बैंक खाता विवरण।

आवेदन प्रक्रिया

योजना में खुद को नामांकित करने के लिए सभी आवेदकों को आवेदन के ऑफ़लाइन पंजीकरण से गुजरना होगा।

आवेदकों से अनुरोध है कि वे इस लिंक से फॉर्म डाउनलोड करें: https://www.maharashtra.gov.in/Site/Upload/Government%20Resolutions/English/201602261720426830.pdf और इसे भरें।

 आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

यह सब पूरा करने के बाद आवेदक फॉर्म को दस्तावेजों के साथ संबंधित अधिकारी के पास जमा करें।

नंदा देवी कन्या योजना

Nanda Devi Kanya Yojana

नंदा देवी कन्या योजना उत्तराखंड सरकार द्वारा उत्तराखंड के महिला एवं बाल विभाग के सहयोग से डिजाइन और कार्यान्वित किया गया बालिकाओं को सशक्त बनाने की योजना है। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए है जिनके परिवार में केवल एक लड़की है। यह लड़कियों की भविष्य शिक्षा और स्वस्थ जीवन के लिए वित्तीय सुरक्षा को सुरक्षित करता है।

इस योजना के उद्देश्य 

 केवल एक लड़की वाले परिवारों को समग्र वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति में सुधार करना।

 लड़कियों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना।

बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

उत्तराखंड का निवासी होना चाहिए।

परिवार की वार्षिक आय शहरी क्षेत्रों के लिए 42,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 36000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।

आवेदकों को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों से संबंधित होना चाहिए।

एक ही परिवार की केवल दो बालिकाओं को ही इस योजना का लाभ मिलता है।

आवश्यक दस्तावेज़

आधार कार्ड।

डोमिसाइल सटिर्फिकेट।

 आय प्रमाण पत्र।

 बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

 बीपीएल प्रमाणपत्र।

मातृ शिशु संरक्षण कार्ड।

आवेदन प्रक्रिया

आवेदकों को उत्तराखंड राज्य में निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र का दौरा करना चाहिए।

यदि नहीं, तब आवेदक उत्तराखंड राज्य के महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से भी संपर्क कर सकते हैं और आगे की कार्रवाई कर सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना

Sukanya Samriddhi Yojana 1

सुकन्या समृद्धि योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के एक भाग के रूप में विकसित एक उप-योजना है, जिसे परिवार की लड़कियों के लाभ के लिए शुरू किया गया था। बच्चे जिसकी उम्र 10 वर्ष या उससे कम है, उनके माता-पिता या अभिभावक इस योजना के तहत खाता खोल सकते हैं और उच्च ब्याज दर और कई टैक्स बेनेफिट्स का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना के उद्देश्य 

उनके परिवार की लड़कियों की शिक्षा और भविष्य के लिए अच्छी फंडिंग के लिए माता-पिता को वित्तीय सहायता देने के लिए लॉन्च किया गया।

एक पर्याप्त राशि का संग्रह जिसका उपयोग बाद में आपके बच्चे के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

बालिका की आयु 10 वर्ष या उससे कम होनी चाहिए। खाते की अवधि लड़की के 21 वर्ष होने तक है।

एक बच्ची के एक से अधिक सुकन्या खाते नहीं हो सकते।

प्रत्येक परिवार को केवल दो खातों की अनुमति है, अर्थात एक ही परिवार की दो लड़कियाँ आवेदन कर सकती हैं।

आवश्यक दस्तावेज़

बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

एसएसए-1 फॉर्म।

पहचान का प्रमाण (आधार कार्ड, पैन कार्ड)

एड्रेस प्रूफ (वोटर आईडी, यूटिलिटी बिल, आधार कार्ड)

आवेदन प्रक्रिया

 नजदीकी बैंक या डाकघर में जाएं।

 सुकन्या समृद्धि योजना जिसे FORM SSA-1 के नाम से भी जाना जाता है, के लिए आवेदन भरें और उसे ऊपर बताए गए दस्तावेजों के साथ बैंक/डाकघर में जमा करें।

 अपना पहला डिपॉजिट अमाउंट जमा करें। न्यूनतम डिपॉजिट अमाउंट 250/- रुपये है। अधिकतम डिपॉजिट अमाउंट लगभग 1.5 लाख है।

 कुछ दिनों के बाद, बैंक आवेदन पर कार्रवाई करता है और आपके फॉर्म को वेरिफाई करता है।

 इसके बाद आपका खाता खुल जाएगा और पासबुक जारी हो जाएगा।

बालिका समृद्धि योजना

Balika Samriddhi Yojana

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1997 में शुरू की गई बालिका समृद्धि योजना एक ऐसी योजना है जो छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य और स्वस्थ जीवन की ओर मुख्य रूप से लक्षित है। लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाओं में से एक यह योजना एक ऐसी पहल थी, जो जाति, या सामाजिक-आर्थिक स्थिति का विचार किए बिना सभी छात्राओं के लिए है। वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में पैदा हुई लड़कियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें बेहतर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने का विशेषाधिकार प्राप्त हो।

इस योजना के उद्देश्य 

समाज में बच्ची लड़की के जन्म को लेकर नकारात्मकता के प्रति समाज और परिवार की मानसिकता में सकारात्मकता फैलाना।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना और उनका भविष्य सुरक्षित करना।

 विद्यालयों में नामांकन दर को बढ़ाना और ड्रॉप-आउट दर को कम करना।

 उचित रूप से बालिकाओं का तब तक पालन-पोषण करना जब तक कि वे विवाह की आयु तक नहीं पहुँच जातीं।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

ग्रामीण अंचल में स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना द्वारा मान्यता प्राप्त बीपीएल श्रेणी के अंतर्गत आने वाले परिवार इस योजना के लाभार्थी हैं।

शहरी क्षेत्रों के लोगों के लिए, उन्हें बीएसवाई के तहत मान्यता दी जाएगी।

फल या सब्जी विक्रेता, या कूड़ा बीनने वाले के रूप में काम करने वाले परिवार के सदस्यों को इसका लाभ होगा।

अगस्त 1997 को या उसके बाद पैदा हुई लड़कियाँ जो बीपीएल श्रेणी में आती हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलता है।

प्रत्येक परिवार में बच्चों की कुल संख्या कितनी भी होने के बावजूद, इस योजना का सभी लाभ अधिकतम दो लड़कियों को दिए जाते हैं।

आवश्यक दस्तावेज़

बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

एड्रेस का प्रमाण (आधार कार्ड, यूटिलिटी बिल, पानी बिल, आदि)

पहचान का प्रमाण (पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आई डी)

आवेदन प्रक्रिया

ग्रामीण अंचलों में आस-पास के आंगनवाड़ी केन्द्रों और स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के पास आवेदन पत्र उपलब्ध हैं।

 आवश्यक सभी विवरणों के साथ आवेदन पत्र भरें।

 फॉर्म को आवश्यक दस्तावेजों के साथ उसी प्लेटफॉर्म पर जमा करें जहाँ से आपको यह मिला है।

मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना

Mukhyamantri Kanya Suraksha Yojana

बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2008  में लागू और लॉन्च की गई, यह योजना विशेष रूप से बालिकाओं के भविष्य की सुरक्षा और संरक्षण के लिए बनाई गई थी। यह योजना गरीबी रेखा से नीचे के परिवार की प्रत्येक बच्ची लड़की को 2000 /- रुपये का योगदान करती है। । यह राशि बिहार सरकार के तहत पटना के वूमेन एं चिल्ड्रेन डिपार्टमेंट द्वारा बिहार के यूको और आईडीबीआई बैंकों में निवेश की जाती है

इस योजना के उद्देश्य 

कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम।

 राज्य में लिंग अनुपात में सुधार करना।

 बालिका के जन्म पंजीकरण को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना।

 बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

बिहार का मूल निवासी होना चाहिए।

 22 नवंबर, 2007 को या उसके बाद पैदा हुई बालिकाएँ इसका लाभ उठा सकती हैं।

 यह योजना एक ही परिवार की दो लड़कियों तक के लिए मान्य है।

 बाल विवाह उन्मूलन।

आवश्यक दस्तावेज़

जन्म प्रमाण पत्र या पंजीकरण प्रमाण पत्र।

 आवेदन पत्र भरा।

 पहचान प्रमाण: पैन कार्ड, आधार कार्ड।

 पता प्रमाण: आधार कार्ड, बिजली बिल, उपयोगिता बिल, आदि।

 पासपोर्ट साइज की तस्वीरें।

 बैंक खाता विवरण।

आवेदन प्रक्रिया

नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर जाएं और आवेदन पत्र प्राप्त करें।

इसे अधिकारियों की मदद से भरें।

सभी दस्तावेजों के साथ संलग्न कर संबंधित अधिकारी के पास अप्लाई करें।

आंगनवाड़ी केंद्र, फिर इसे उस ब्लॉक अधिकारी को भेजता है जहाँ वेरिफिकेशन होता है।

वेरिफिकेशन के बाद, राशि लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित कर दी जाती है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय

Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya 1

यह योजना भारत सरकार द्वारा अगस्त 2008 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालयों का निर्माण करना था ताकि वे अपने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर सकें। लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए योजनाओं में से एक इस योजना को भारत के केंद्र शासित प्रदेशों सहित 27 राज्यों में शुरू की गई है। लड़कियों की  शिक्षा की इस योजना को विशेष रूप से वंचित समुदायों की लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और प्रदान करने के लिए तैयार की गई थी।

इस योजना के उद्देश्य 

स्कूलों में लड़कियों के नामांकन दर में वृद्धि करना।

बालिका के जन्म को प्रोत्साहित करना।

वंचित समुदायों की लड़कियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक आसान पहुंच।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, और बीपीएल परिवारों जैसे अल्पसंख्यक समुदायों  की लड़कियाँ।

14-18 वर्ष की आयु वर्ग की छात्राएँ।

कम महिला-साक्षरता वाले क्षेत्रों की लड़कियाँ।

असाधारण मामले जहाँ लड़कियाँ अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर सकती।

आवश्यक दस्तावेज़

बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

 जाति प्रमाण पत्र।

 बीपीएल कार्ड।

 प्राथमिक शिक्षा की पूर्णता का प्रमाण पत्र।

आवेदन प्रक्रिया

नजदीकी केजीबीवी स्कूल में जाएं और वहां अपने बच्चे का दाखिला कराएं।

संलग्न दस्तावेजों के साथ प्रवेश पत्र भरें।

भाग्यलक्ष्मी योजना

Bhagyalakshmi Scheme

कर्नाटक सरकार द्वारा लागू, भाग्यलक्ष्मी योजना एक ऐसी योजना है जिसे एक परिवार में एक लड़की के जन्म को बढ़ावा देने और उन परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। वे 25000 /- रुपये तक का बाल बीमा और 300/- से 1000/-रुपये की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं। 

इस योजना के उद्देश्य 

परिवार में लड़कियों की स्टेटस को बढ़ाना और इस प्रकार समाज में भी इसे बढ़ाना।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में लड़कियों के जन्म को बढ़ावा देना और उनकी स्थिति में सुधार करना।

बालिकाओं का भविष्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्रता मानदंड

31 मार्च 2006 या उसके बाद जन्म लेने वाली बीपीएल परिवारों की लड़कियाँ ही इस योजना का लाभ ले सकती हैं।

 यह योजना एक ही परिवार की केवल दो बालिकाओं के लिए ही मान्य है।

 लड़कियों को बाल मजदूरी में लिप्त नहीं होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज़

बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।

पहचान का प्रमाण- पैन कार्ड, आधार कार्ड।

एड्रेस प्रूफ- आधार कार्ड, यूटिलिटी बिल, पानी बिल।

बैंक खाता विवरण।

जाति प्रमाण पत्र।

आवेदन प्रक्रिया

कर्नाटक की भाग्यलक्ष्मी योजना की मुख्य वेबसाइट खोलें।

 एप्लिकेशन फॉर्म लिंक पर क्लिक करें।

 फॉर्म की पीडीएफ जेनरेट हो जाती है। उसे डाउनलोड करें और विवरण भरें।

 उसके साथ दिए गए आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

 संबंधित अधिकारी को जमा करें।

Swetlin Sahoo
BSc Anthropoligy

Swetlin Sahoo is a dedicated individual with expertise in tutoring and research. Pursuing an MSc in Anthropology, she holds a BSc in the same field, showcasing her commitment to understanding human societies. Swetlin's passion lies in advocating for feminism, equality, and gender equity, driving her... Read More

... Read More

You might also like